धर्म

अयोध्या केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा है

अयोध्या केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा है
अयोध्या  धाम
रामनगरी अयोध्या की दिव्यता, भव्यता और तीव्र गति से हो रहे विकास कार्यों को लेकर राजस्थान के विभिन्न सामाजिक और युवा नेताओं ने अपने उद्गार प्रकट किए। हाल ही में अयोध्या दर्शन पर आए भीलवाड़ा के मोहन जी सरधना (युवा जिला अध्यक्ष, भीलवाड़ा), भंवरलाल गुर्जर (जिला अध्यक्ष, राजस्थान गुर्जर महासभा, भदालीखेड़ा) और सूरज भड़ाना (पालड़ी) ने अयोध्या की वर्तमान छवि को अद्वितीय और प्रेरणास्पद बताया।
मोहन जी सरधना ने कहा कि
“अयोध्या केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा है। यहाँ की सड़कें, घाट, राम मंदिर और सुरक्षा व्यवस्था देखकर गर्व होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और उत्तर प्रदेश सरकार ने जो परिवर्तन यहाँ किया है, वह अत्यंत प्रशंसनीय है। हर युवा को यहाँ आकर रामराज्य की अनुभूति करनी चाहिए।”भंवरलाल गुर्जर ने अपने भाव प्रकट करते हुए कहा कि“हमने अयोध्या को केवल कथाओं में भव्य रूप में देखा था, लेकिन आज जो आँखों से देखा वह अविश्वसनीय है। साफ-सफाई, श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं और मंदिर निर्माण की भव्यता — सबकुछ मन को छू गया। यह भारत की संस्कृति, शक्ति और श्रम की प्रतीक है।”सूरज भड़ाना पालड़ी ने कहा कि“अयोध्या में आकर जो शांति और ऊर्जा मिलती है, वह कहीं और संभव नहीं। श्रीराम जन्मभूमि का पुनर्निर्माण न केवल धार्मिक, बल्कि राष्ट्रीय चेतना का पुनरुद्धार है। मैं हर परिवार को यहाँ आने का आग्रह करता हूँ, यह स्थान जीवन को दिशा देता है।”इन तीनों वक्ताओं की एक समान भावना थी — अयोध्या न केवल तीर्थ है, बल्कि भारत के नव जागरण का केंद्र भी बन चुका है। राममंदिर निर्माण, नवविकास और आध्यात्मिक वातावरण ने राजस्थान से आए इन प्रतिनिधियों को गहराई से प्रभावित किया।रामनगरी अयोध्या अब एक बार फिर विश्व मंच पर अपने तेज और त्याग के साथ प्रतिष्ठित हो रही है।

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