
प्रदेश के योग्य पत्रकारों को पेंशन लाभ देने की माननीय मुख्यमंत्री जी से मांग : डॉ मुरलीधर सिंह शास्त्री “अधिवक्ता”
अयोध्या धाम
माननीय मुख्यमंत्री जी से प्रदेश के पत्रकारों के लिए पेंशन की मांग उत्तर प्रदेश में प्रदेश मुख्यालय पर लगभग 11 00 तथा
प्रदेश के 75 जनपदों में लगभग 5000 से ज्यादा मान्यता प्राप्त पत्रकार है
इसके अलावा लगभग 3000 वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट 1955 के तहत पत्रकार हैं
पत्रकारों के वार्षिक आय की आकलन आधार 2.50लाख के स्थान पर 5 लाख करना चाहिए |
आज राष्ट्रीय सकल घरेलू इनकम प्रति व्यक्ति 178000 से लेकर 198000 रुपए तक है |

जो विभिन्न संगठनों में काम करते हैं देश के लगभग एक दर्जन से ज्यादा राज्यों में राज्य सरकारों द्वारा पेंशन योजना शुरू की गई है
जिसमें उत्तराखंड मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ हरियाणा महाराष्ट्र बिहार झारखंड गुजरात गोवा आदि राज प्रमुख पर
उत्तर प्रदेश सरकार देश का सबसे बड़ा राज्य है यहां पर पत्रकारों के लिए पेंशन की कोई योजना नहीं है यह मांग लगभग 40 साल पुरानी वर्ष 1990 से इस मांग ने जोड़ पकड़ा था तथा तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम श्री मुलायम सिंह जी के नेतृत्व की सरकार में पत्रकारों को आर्थिक योजना के तहत उनका आर्थिक सहायता दिया था
तथा इसके पूर्ववर्ती श्री नारायण दत्त तिवारी जी सरकार ने पत्रकारों के लिए विकास प्राधिकरण में आवासीय पट्टा सस्ते दर पर आमंत्रित किया गया था
तथा राज्य सरकार की विभिन्न कॉलोनी में उनको सरकारी आवास भी दिए गए थे
तथा विभिन्न चिकित्सालय में निशुल्क चिकित्सा व्यवस्था एवं वर्ष 2023 में चिकित्सा रिवाल्विंग फंड नियमावली बनाई गई थी
जिसके साथ विभिन्न जगहों पर चिकित्सा की सुविधापर आज तक वर्तमान सरकार द्वारा आया पूर्ववर्ती सरकार द्वारा कोई स्थाई पेंशन योजना नहीं लागू की पेंशन योजना लागू करने के लिए विभिन्न पत्रकार संगठन ने विगत जून माह में उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों एवं मुख्यमंत्री जी को मांग पत्र दिया था | जहां तक मेरी बात है
मैं सूचना विभाग से लगभग 35 वर्षों से केंद्रीय और आज सरकारों में काम किया हूं इसलिए पत्रकारों की समस्याओं को जानता है पत्रकारों को निश्चित रूप से पेंशन देना चाहिए पेंशन देने का आधार
इनके इनकम टैक्स रिटर्न को भराया जाए और उसे मूल निवासी जो उत्तर प्रदेश के हो या जो 20 वर्षों से उत्तर प्रदेश में निवास कर रहे हैं उनको सुविधा प्रदान किया जाए जिसका मुख्य धंधा पत्रकारिता है बहुत से पत्रकार विज्ञापन एजेंसी चलाते हैं प्रचार एजेंसी चलाते हैं दुकान चलाते हैं मार्केट चलते हैं ऐसे लोगों को इस योजना से बाहर रखा जाए आजकल केंद्रीय सरकार का प्रति व्यक्ति आय का देखा जाए 178000 से लेकर 198000 तक है सरकार द्वारा ₹500000 तक कोई इनकमटैक्स नहीं है |
लोकतंत्र के लिए मजबूत होगा लोकतंत्र के पहले स्तंभ विधायिका कि मअपना पेंशन आज ले लेते हैं दूसरे स्तंभ कार्यपालिका में भी अपनी सुविधा ले लेते हैं तीसरे स्तंभ न्यायपालिका एवं मध्य अधिवक्ता न्यायपालिका में तो सुविधा अधिकारियों को मिल जाती है लेकिन अधिवक्ताओं को नहीं मिलती अधिवक्ताओं को भी एक पेंशन योजना से के तहत दिया जाना चाहिए |
और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारों को इस योजना का लाभ दिया जाना चाहिए और
सरकार को फर्जी मान्यताएं जो है उसको भी निरस्त करनी चाहिए जिसको लिखने का ज्ञान हो जिसकी शैक्षिक योग्यता हो उसी को मान्यता रखनी चाहिए |
तथा सरकार को सुविधा देना चाहिए जिन लोगों को सरकार ने सरकारी प्लाट आवंटित किया है |
उनसे सरकारी आवास खाली करें अन्य जरूरतमंद पत्रकारों को देना चाहिए
जय हिंद जय भारत जय लोकतंत्र जय संविधान |