
संजय दास की अध्यक्षता में श्रृंगीऋषि शेरवाघाट के श्रीमहंत बनाये गए हेमन्त दास
अयोध्या धाम
कंठी चद्दर तिलक देकर संतों महंतों ने धर्म सम्राट ज्ञान दास जी महाराज के शिष्य संकट मोचन सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत संजय दास की अध्यक्षता में संतों महंतों ने श्रृंगीऋषि आश्रम, शेरवाघाट के महंत पद पर हनुमानगढ़ी वरिष्ठ पुजारी हेमंत दास महाराज को प्रतिष्ठित किया।साकेतवासी महंत जगदीश दास महाराज के निधन के उपरांत उनकी इच्छा अनुसार उनके तेरहवीं संस्कार पर उनकी इच्छा अनुसार आश्रम की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए संत समाज ने सर्वसम्मति से श्री हेमंत दास को नया महंत घोषित किया।

इस अवसर पर विधिवत रूप से उन्हें कंठी-चद्दर प्रदान कर गद्दी सौंप दी गई। महंत संजय दास महाराज ने बताया कि गुरुदेव भगवान के आशीर्वाद से हमारे छोटे गुरु भाई को श्रृंगीऋषि आश्रम की बड़ी जिम्मेदारी महंत जगदीश दास महाराज के अच्छा अनुसार संतों महंतों की उपस्थिति में सौप गई, जिसका निर्वाहन वह पूरे मनोयोग से करेंगे, हनुमानगढ़ी जी महाराज और अयोध्या के संत महंत उनको आशीर्वाद देकर के जो जिम्मेदारी सौंप है उसको वह पूरे मनोयोग से पूरा करेंगे और आश्रम का चौमुखी विकास करेंगे।
महंत हेमंत दास महाराज ने कहा कि पूज्य गुरुदेव भगवान के आशीर्वाद से संतों महंतों जो जिम्मेदारी दी है उसका पालन करूंगा। महंत जगदीश दास महाराज हनुमानगढ़ी पर आते रहते थे उनकी इच्छा थी कि हनुमानगढ़ की परंपरा से हमारे साकेत वास के बाद आश्रम की जिम्मेदारी दी जाए, संतों महंतों ने हमें श्रृंगी ऋषि आश्रम की जिम्मेदारी दी है मैं आश्रम की परंपरा का निर्वहन करुंगा इसका विकास करूंगा जिससे महंत जगदीश दास जी महाराज की आत्मा को भी शांति मिले। उन्होंने बताया कि श्रृंगी ऋषि आश्रम 84 कोसी परिक्रमा मार्ग पर है और एक पड़ाव यह भी है जिसे इसका और अधिक महत्व है अभी तक जो भी विकास जगदीश दास जी महाराज ने किया है उसको आगे बढ़ाएंगे यहां के आश्रम से जुड़े लोगों के सहयोग से। उन्होंने बताया कि आश्रम बहुत ही पौराणिक है, पुत्रेष्टि यज्ञ के बाद श्रृंगी ऋषि महाराज यहीं आकर के रुक महाराज जी की समाधि भी यहां है इससे इसकी पौराणिकता और बढ़ जाती है क्योंकि यह स्थान भगवान के राम जन्म और त्रेता युग से जुड़ा हुआ है, इसलिए पूरे मनोयोग के साथ इसका विकास करूंगा। महंती समारोह में प्रमुख रूप से निर्वाणी अनी अखाड़ा के श्रीमान मुरली दास, महासचिव महंत सत्यदेव दास, महंत नंदराम दास, बसंतिया पट्टी के महंत रामचरण दास, महंत पहलवान राजेश दास, हनुमत संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य गद्दी नसीम महंत प्रेम दास जी महाराज के शिष्य महंत डॉक्टर महेश दास, सियाराम किला पीठाधीश्वर महंत करुणानिधान शरण महाराज, रसिक पीठाधीश्वर महंत जन्मेजय शरण, बड़ा भक्तमाल महंत अवधेश कुमार दास, बावन मंदिर पीठाधीश्वर श्रीमहंत वैदेही बल्लभ शरण जी महाराज, महंत रामजी शरण जी, जगतगुरु डॉ राघवाचार्य जी महाराज, जगतगुरु कुरेशाचार्य जी महाराज, जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी वल्लभाचार्य, जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य , तुलसीदास छावनी पीठाधीश्वर महंत जनार्दन दास, शृंगार कुंज के महंत हरिभजन दास, हनुमानकिला के महान परशुराम दास, बड़े हनुमान मंदिर के अधिकारी छविराम दास, करतालिया पीठाधीश्वर महंत रामदास निजी सचिव शिवम् श्रीवास्तव सहित सैकड़ो संतों महंतों ने मांस जगदीश दास को श्रद्धांजलि अर्पित की और कंट्री चद्दर तिलक देकर के हनुमानगढ़ी के वरिष्ठ पुजारी हेमंत दास महाराज को महंत बनाया।