
सभी मंदिरों में सरकार को अपना प्रतिनिधि नियुक्त करना चाहिए : डॉक्टर मुरलीधर सिंह शास्त्री “अधिवक्ता “
देश के पवित्र दर्शनीय स्थान से वीआईपी कल्चर समाप्त करना चाहिए
देश में लगभग 5500 विभिन्न प्रमुख स्थल है जिनका संचालन सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 एवं ट्रस्ट एक्ट 1882 के तहत होता है जब कोई भी संस्था सरकारी निकाय से पंजीकृत हो जाती है तो सरकार की अधीन हो जाती है
लेकिन इस पर सरकार द्वारा द्वारा समय-समय पर जांच कराया जाना चाहिए जो काम अभी नहीं किया जाता है |

हमारे देश में हिंदुओं के प्रमुख आस्था के स्थान में काशी विश्वनाथ मंदिर सोमनाथ मंदिर तिरुपति बालाजी मंदिर श्री राम जन्मभूमि मंदिर बांके बिहारी मंदिर मथुरा जन्म स्थान मंदिर शिरडी सई मंदिर शनि मंदिर सिगनापुर द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर जो 12 स्थान पर है महालक्ष्मी मंदिर दत्तात्रेय मंदिर हजरत निजामुद्दीन हजरत मोहिउद्दीन चिश्ती दरगाह नाथद्वारा मंदिर खाटू श्याम मंदिर गोविंद देव मंदिर राधा रमन मंदिर दक्षिण भारत के मीनाक्षी मंदिर रंगनाथ मंदिर श्रृंगेरी मंदिर हंपी मंदिर उडुपी कृष्ण मंदिर पद्मनाभ मंदिर केदारनाथ मंदिर बद्रीनाथ मंदिर जगन्नाथ पुरी मंदिर द्वारिका पुरी मंदिरअनेक मंदिर है देश में जो सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 एवं ट्रस्ट एक्ट 1882 के तहत पंजीकृत है तथा संचालित हो रहे हैं कुछ मंदिरों को केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक साल बजट दिया जाता है तथा कुछ मंदिरों को राज्य सरकारों द्वारा बजट दिया जाता है
अनेक सभी मंदिरों में राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में गृह विभाग धर्मार्थ कार्य विभाग संबंधित जिला के कलेक्टर या जिलाधिकारी भी सदस्य होते हैं इसमें पुलिस विभाग के भी अधिकारी पदेन सदस्य के रूप में रखे जाते हैं और सभी मंदिरों में आम जनता के नाम पर सुविधा दी जाती है पर वास्तव में कोई सुविधा नहीं दी जाती है
बल्कि जन श्रद्धालुओं का शोषण ही हो जाता है आए दिन समाचार पत्रों में खबरें आती रहती हैं
लेकिन इसका ज्यादातर इस्तेमाल वीआईपी लोगों के देखरेख में किया जाता है
जैसे चढ़ने वाले प्रसाद चढ़ाने वाले अंग वस्त्र आम आदमी को उपल्ब नहीं होते
और तो और संस्था द्वारा जो सेवादार नियुक्त किए जाते हैं या पुजारी नियुक्त किए जाते हैं उनका कोई भी चारित्रिक सत्यापन नहीं किया जाता और उनका कोई भी प्रमाणिक परिचय पत्र जारी नहीं किया जाता है
परिचय पत्र में मंदिर के पदाधिकारी के साथ-साथ संबंधित क्षेत्र के पुलिस अधिकारी एवं मजिस्ट्रेट का भी हस्ताक्षर होना चाहिए
इसके अलावे भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद श्री राकेश सिन्हा( SIS ) सिक्योरिटी एजेंसी है जो सिक्योरिटी इंटेलिजेंस एजेंसी के रूप में कार्यरत है इन प्राइवेट तौर पर सुरक्षा गार्ड एवं मल्टी टास्क वर्क उपलब्ध कराती है इन संस्था द्वारा अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि जन्म क्षेत्र ट्रस्ट मंदिर में एवं काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट की निजी एजेंसी द्वारा सुरक्षा गार्ड उपलब्ध कराए गए जो सरकार के राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय सुरक्षा गार्ड्स के अलग है इनको भी लोगों का स्थानीय अयोध्या या वाराणसी पुलिस प्रशासन द्वारा कोई भी सत्यापन नहीं कराया जाता है विगत जून माह में काशी विश्वनाथ में मंदिर में ऐसे ही दर्शन करने वाले आउटसोर्सिंग के पुजारी एवं सेवादार पकड़े गए हैं
जो पैसा लेकर आम लोगों को दर्शन करते थे
सरकार के मंडली एवं जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा इसकी कोई भी समीक्षा नहीं की जाती यह मेरा व्यक्तिगत भी अनुभव है
तथा सरकारी तंत्र में रहा हूं
इसलिए मैं जानता हूं इसके संबंध में कभी भी कोई समीक्षा बैठक नहीं होती
और मंदिर प्रशासन द्वारा विशेष वर्ग के लोगों को मानक के विपरीत नियुक्त किया जाता है जो आम श्रद्धालुओं का शोषण का कार्य करते हैं मेरी प्रधानमंत्री मोदी जी से एवं मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश से तथा राज्यों के मुख्यमंत्री से इस पर अपेक्षित कार्रवाई किया जाए
जिससे सुधार हो सके
तथा केंद्रीय स्तर पर एवं राज्य स्तर पर एक व्यापक अधिकार वाली कमेटी बनाई जाए
इसके कार्यों की जांच करें और आम श्रद्धालुओं के लिए सुविधा की व्यवस्था करें
जय हिंद जय भारत जय सनातन धर्म जय भारती संविधान