
श्री गुरु वशिष्ठ गुरुकुल विद्यापीठ के वैदिक परंपरा के संवाहकों को मिला सम्मान
अयोध्या धाम
ब्रह्मचारियों को वितरित हुए वस्त्र
श्री मणिरामदास छावनी में हुआ गरिमामय सेवा आयोजन, वैदिक परंपरा के संवाहकों को मिला सम्मान |
वैदिक संस्कृति की जीवंत धरोहर श्री गुरु वशिष्ठ गुरुकुल विद्यापीठ, अयोध्या के 60 ब्रह्मचारियों को रविवार को एक विशेष समारोह में वस्त्र वितरित किए गए। यह पावन आयोजन श्री मणिरामदास छावनी के कथा सभागार में छावनी के उत्तराधिकारी पूज्य श्री कमलनयन दास जी महाराज के सौजन्य से संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चार और गुरु वंदना के साथ हुआ। छावनी के प्रबंधक श्री विनय शुक्ल ने बताया कि “यह सेवा संस्कार, गुरु परंपरा और समाज के प्रति उत्तरदायित्व का प्रतीक है।”

इस अवसर पर गुरुकुल के निदेशक डॉ. दिलीप सिंह, पूर्व प्रधानाचार्य श्री दुःखहरणनाथ मिश्र, यजुर्वेदाचार्य आचार्य अक्षय वी. देवघर, श्री आशुतोष तिवारी सहित अनेक शिक्षकगण व सम्मानित अतिथिगण उपस्थित रहे। सभा समिति के प्रधानमंत्री उत्कर्ष, सह प्रधानमंत्री सौरभ, अनुज व सुधांशु ने भी कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग किया।
पूज्य श्री कमलनयन दास जी महाराज ने अपने संदेश में कहा,

“संस्कार, सेवा और शास्त्र—यही सनातन शिक्षा की त्रयी है। ब्रह्मचारियों का उत्साह और तपस्या हमें आश्वस्त करती है कि भारत का वैदिक भविष्य उज्ज्वल है।”
कार्यक्रम के अंत में सभी ब्रह्मचारियों को आशीर्वाद स्वरूप वस्त्र प्रदान किए गए। आयोजन में श्रद्धा, सेवा और समर्पण का भाव स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रहा था।




