
अत्यधिक मात्रा में यूरिया प्रयोग करने से भूमि बंजर हो सकती है : इफको
अयोध्या
जनपद अयोध्या में खरीफ वर्ष 2025 में अभी तक 43995 मि० टन यूरिया का वितरण सहकारी समितियों, निजी उर्वरक बिक्री केन्द्र, एग्रीजंक्शन, इफको आदि द्वारा कराया गया है। दिनांक 21.08.2025 को 1500 मी० टन कृभको यूरिया रैक प्वाइट सलारपुर, अयोध्या से सीधे समितियों एवं निजी उर्वरक बिक्री केन्द्रो से प्रेषण कराकर वितरण कराया जा रहा है। आज दिनांक 22.08.2025 का 1300 मी० टन इफको यूरिया रैक प्वाइंट सलारपुर, अयोध्या से सीधे समितियों एवं एग्रीजंक्शन इफको के बिक्री केन्द्रों पर वितरण हेतु भेजा जा रहा है। कल दिनांक 23.08.2025 को 700 मी० टन यूरिया रैक सलारपुर, अयोध्या में लगना है सलारपुर से सीधे समितियों एवं निजी बिक्री केन्द्रों को भेजकर किसानों को उनकी जोत के अनुसार वितरण कराया जायेगा, जिले में खाद की पर्याप्त उपलब्धता है लगातार सतत रूप से उर्वरक रैक जिले को प्राप्त हो रहा है।
किसान भाइयों से अपील अनुरोध है कि धैर्य एवं अनुशासन के साथ अपने जोत के अनुसार यूरिया खाद क्रय करें और यूरिया का संतुलित मात्रा में ही प्रयोग करे।
मिट्टी की उर्वरता और फसल की पैदावार बढाने के लिए यह आवश्यक है कि पोषक तत्वों यथा नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश को सही मात्रा और अनुपात में उपयोग करना चाहिए |
अत्यधिक मात्रा में यूरिया प्रयोग करने से भूमि बंजर हो सकती है साथ ही मृदा स्वास्थ खराब हाने से मानव जीवन पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड सकता है, किसान भाइयों से अपील है कि यूरिया की मात्रा प्रति एकड में टाप ड्रेसिंग हेतु एक बोरी के दर से ही प्रयोग करे, नाइट्रोजन तत्व की पूर्ति हेतु, किसान भाई अपने खेतों में गोबर की खाद, हरी खाद के रूप में ढैचा, सनई, उडद, मूगं जैसी फसलों की बुवाई कर सकते है, और जीवामृत, धन जीवामृत, बीजामृत इत्यादि का भी प्रयोग कर सकते है, संतुलित उर्वरक, मिट्टी में पोषक तत्वों का संतुलन बनाये रखते है जिससे मिट्टी की उर्वरता और जल धारण क्षमता में सुधार होता है साथ ही पर्यावरण प्रदूषण का खतरा कम हो जाता है।
प्रायः देखा जा रहा है कि कुछ कृषक बन्धु अधिक मात्रा में यूरिया खाद खरीदकर डपिंग का कार्य कर रहे है, जिन दुकानदारो से यूरिया खरीद कर ऐसा कर रहें है ऐसे विक्रेता का जाँच उपरान्त लाइसेंस निलम्बित कर दिया जायेगा साथ ही ऐसे किसान के विरूद्ध भी एफ.आई.आर दर्ज कराया जायेगा।




