अयोध्या धामधर्म
अयोध्या धाम के प्राचीनतम सिद्ध पीठ रंग महल मन्दिर का अदभुत रहस्य

अयोध्या धाम के प्राचीनतम सिद्ध पीठ रंग महल मन्दिर का अदभुत रहस्य
अयोध्या धाम
भगवान श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है। इन्हीं में से एक है प्राचीन रंग महल मंदिर, जिसका इतिहास माता सीता के अयोध्या आगमन से जुड़ा हुआ है मान्यता है कि जब विवाह के उपरांत माता सीता श्रीराम के साथ अयोध्या पहुँचीं, तो माता कौशल्या ने उन्हें यहीं दर्शन दिए थे। उस समय बसंत उत्सव का आयोजन चल रहा था, इसी कारण इस मंदिर का नाम रंग महल रखा गया
विशेष बात यह है कि जिस प्रकार जनकपुर में माता सीता की पूजा होती है, उसी प्रकार अयोध्या के रंग महल मंदिर में भी पुजारी भगवान श्रीराम और माता सीता की सखी स्वरूप में पूजा-अर्चना करते हैं। यही कारण है कि यहां रहने वाले संतों को सखी संप्रदाय से संबंधित माना जाता है।
मंदिर की सबसे आश्चर्यजनक परंपरा एक गौ माता से जुड़ी हुई है। वर्षों से यह गौ माता प्रतिदिन मंदिर के पीछे स्थित एक रहस्यमयी स्थल की परिक्रमा करती है और श्रीराम जन्मभूमि की दिशा में सिर झुकाकर प्रणाम करती है। हैरानी की बात यह है कि इस परिक्रमा स्थल का रहस्य आज तक कोई समझ नहीं पाया। यहां तक कि वर्षों से रह रहे संत और महंत भी इसके रहस्य से अनभिज्ञ हैं श्रद्धालुओं का मानना है कि यह स्थान किसी अद्भुत दिव्यता से जुड़ा हुआ है। प्रतिदिन होने वाली यह अनूठी परंपरा दूर-दराज़ से आने वाले श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है अयोध्या के रंग महल मंदिर न केवल अपनी ऐतिहासिकता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है, बल्कि यहां की यह रहस्यमयी परंपरा भी श्रद्धालुओं की आस्था को और गहरा करती है मंदिर में वर्तमान महंत रामचरण दास जी महाराज की पावन सानिध्य में पूजन अर्चन एवं भोग राग की व्यवस्थाएं चल रही है |




