अयोध्या धामसामाजिक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी व्यक्तिवादी या जातिवादी नहीं कठोर सिद्धांत वादी है : डॉ मुरलीधर सिंह “शास्त्री” अधिवक्ता उच्च न्यायालय

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी व्यक्तिवादी या जातिवादी नहीं कठोर सिद्धांत वादी है : डॉ मुरलीधर सिंह “शास्त्री” अधिवक्ता उच्च न्यायालय

अयोध्या धाम
माननीय मुख्यमंत्री जी ने  कुर्सी को बेदाग किया जो पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री द्वारा जो माफियाओं का संरक्षण किया जाता था उससे मुक्त किया है |और विश्व में एकमात्र हिंदू के प्रति स्पष्ट सोच वाले नेता नेता है |
 इनके सरकार में जाति देखकर नहीं मेरिट देखकर नियुक्ति की जाती है
 जैसे आजकल सरकार के प्रमुख चारों पदों पर एक विशेष वैश्य समाज के लोग हैं
जो अपनी मेरिट से मीडिया में अनावश्यक रूप से योगी को जातिवादी बताया जाता है यह पूर्ण रूप से गलत योगी जी पूर्णता सिद्धांत एवं राष्ट्रवादी राज्य के जनप्रतिनिधि को अपने-अपने क्षेत्र में क्षेत्र के लिए काम करना चाहिए ना कि जातिगत आधार पर अनावश्यक रूप से बैठक   करना चाहिए
इससे समाज को कुछ नहीं मिलने वाला है और ब्राह्मण समाज के नेता के रूप में भाजपा के वरिष्ठ धुरंधर नेता  श्री कलराज मिश्र ही प्रेरणा के स्रोत है |
पिछड़े वर्ग के नेता के रूप में साध्वी उमा भारती पूर्व मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश और पूर्व विधायक उत्तर प्रदेश का ही स्थान है |
 जहां तक मैं लगभग 35 साल  केंद्रीय एवं राज्य सूचना विभाग में रहा तथा वर्तमान मुख्यमंत्री जी या कोई मुख्यमंत्री सूचना में हस्तक्षेप नहीं करता है
सूचना विभाग के लोग अपने हिसाब से चलते हैं लेकिन सही बात को सूचना विभाग के लोगों को आम जनमानस  में मीडिया में देना चाहिए समय से देना चाहिए जिससे भ्रम  साफ हो |
डॉ मुरलीधर सिंह शास्त्री
अधिवक्ता
मा उच्च न्यायालय इलाहाबाद / लखनऊ पीठ
पूर्व उपनिदेशक अयोध्या धाम वाराणसी एवं पूर्व प्रभारी मीडिया मुख्यमंत्री मीडिया सेंटर लोक भवन एवं प्रभारी प्रेस रूम विधान भवन लखनऊ
आजकल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के बारे में विशेष रूप से चल रहा है उनके सचिवालय के बारे में विशेष रूप से चल रहा है और विशेष मीडिया के लोग नई-नई  अपना सूचना तंत्र से सूचनाओं प्रसारित करते रहते हैं मैं भी 35 साल तक मीडिया क्षेत्र में गुजरा हूं तथा
मेरा जहां तक मानना है योगी जी एक सिद्धांत वादी और संस्था वादी व्यक्ति है कभी भी व्यक्तिवादी या जातिवादी नहीं रहे
इन पर तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं जहां तक मुझे जानकारी है उन्होंने  1994 में संन्यास लेने के बाद इनका जांच जाति या समाज से कोई लेना देना नहीं रहा
कोरोना कल में इन्होंने अपने पिता के निधन पर भी अपने गांव नहीं कहते तथा राज्य धर्म का पालन किया था
जबकि जगतगुरु शंकराचार्य जी की माता जी का निधन हुआ था तो अपने गांव गए थे  संस्कार में केरल के कलादि में भाग दिया था
लेकिन अग्नि का स्पर्श नहीं किया था
योगी जी के जन्म स्थान या जन्मजाती के संबंध में चर्चा करना है |
 व्यापक अध्ययन किया गया है पहाड़ में मुख्य रूप से क्षत्रिय जातियां हैं
जो सूर्यवंश से उनका संबंध है उनको रावत बोलते हैं नेगी बोलते हैं बिष्ट बोलते हैं एवं धामी बोलते हैं अनेक जातियां हैं जो केवल सूर्यवंश से ही  आती और
योगी जी का जन्म सूर्यवंश के बिष्ट राजपूत वंश में हुआ है गोत्र में हुआ है
 क्योंकि किसी भी व्यक्ति का किसी गोत्र में जन्म होता है
सूर्यवंश में अनेक प्रतापी राजा हुए हैं जिसमें भगवान राम ने भी अवतार लिया पर जो जातिगत आप लगता है उसका कोई आधार नहीं है वर्तमान भाजपा  भाजपा के केंद्र एवं राज्य सरकार में सबसे ज्यादा प्रभावित एवं साधन साधन विहीन राजपूत जाति एवं क्षत्रिय जाती ही  है
आज के सरकार में सबसे ज्यादा प्रभावित है काम नहीं हो रहा है तो राजपूत क्षत्रियों का है उसका मेरे पास अनेक  प्रमाण है
 नौकरशाही के अंतर्गत भी क्यों नौकरशाह पद पे हैं वह अपने काबिलियत के बल पर तथा अपने बैच के बल पर पाए
आज नौकरशाही में पूरे वैश्य समाज का बोलबाला है इसमें मुख्य सचिव गोयल डीजीपी श्री विजय कृष्ण पावर कारपोरेशन निगम का अध्यक्ष आशीष गोयल मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री संजय प्रसाद सभी लोग वैश्य अपने मेरिट के बल पर है आज कल चर्चा एक नौकरशाह जो  सिक्किम कैडर  से 2015 में प्रतिनियुक्ति आया था उसका अवधि समाप्त हो गया श्री अंजनैया कुमार सिंह उसने उसे प्रदेश में अच्छा काम किया है सरकार को उसका कैडर  मर्जर करना चाहिए ना की  अपने कैडर सिक्किम में भेजना चाहिए हालांकि नौकरशाही का विषय है केंद्र सरकार का निर्णय है अनेक बाहर के कैडर  के अधिकारी उत्तर प्रदेश में मर्जर  होकर काम कर रहे हैं
और इस सरकार केंद्र सरकार का और राज्य सरकार का प्रशासनिक मामला है भारत सरकार के कार्मिक कार्मिक मंत्रालय को इसमें निर्णय लेना होता है जो प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री के निर्देशन में काम करता है हमारा इस बात कहने का मुख्य उद्देश्य है योगी जी  जातिवादी नहीं है इन्होने मुख्यमंत्री को की कुर्सी को चमकाया है साफ किया है योगी जी किसी भी प्रकार से व्यक्तिवादी नहीं है जहां तक सूचना विभाग का सवाल है इस समय जुड़ा रहा हूं सूचना विभाग में कभी भी योगी जी हस्तक्षेप नहीं करते वहां भी करते थे हैं कि मेरे से कम करो मेरिट से कम करो पर अधिकारी अपने हिसाब से काम करते हैं उनको मीडिया को देखना चाहिए समझना चाहिए और सही बात को समय-समय पर मीडिया को बताना चाहिए
पहले के मुख्यमंत्री द्वारा  माफियाओं के रक्षा की जाती है थी
माफिया राज संचालित किया जाता था तथा विधान परिषद में एवं विधानसभा में माफिया से जुड़े हुए लोगों को नामांकित किया जाता था एवं चुनाव के माध्यम से सदन में लाया जाता था
लेकिन जो श्री आदित्यनाथ में कभी ऐसा कोई काम नहीं किया योगी आदित्यनाथ को हम 2001 से जानते हैं वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व राज्यसभा सांसद श्री राजनाथ सूर्य के साथ गोरखपुर गए हुए थे तो बड़े गुरुजी श्री अवैद्यनाथ जी से और स्वामी चिन्मयानंद जी से एवं योगी आदित्यनाथ जी से भी वही मुलाकात का भी हुई थी मैं अध्ययन किया हूं वहां भी सभी जाति समाज के लोग काम करते हैं वहां किसी भी प्रकार का किसी के साथ भेद नहीं  होता उसे मठ के अंदर बाबा गोरखनाथ द्वारा चलाई गई एक धोनी है जो वर्षों से अनेक वर्षों से चल रही है और साक्षात शक्ति का प्रतीक है जो भी गोरखनाथ से आस्था रखते हैं उनको संस्थान पर शांति  मिलता है |
 वहां पर एक प्रसिद्ध हनुमान जी का मंदिर है
जो हनुमान जी सभी को बल देते हैं एवं इस अवसर पर सभी को बधाई देता हूं |
 जय हिंद जय भारत जय सनातन धर्म

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!