अयोध्या धामधर्म
संविधान को न मानने वाले बाबा देश के गुनहगार : महंत एकनाथ महाराज

संविधान को न मानने वाले बाबा देश के गुनहगार : महंत एकनाथ महाराज
अयोध्या धाम
जगतगुरु परमहंसाचार्य तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी एवं ओजस्वी फाउंडेशन के अध्यक्ष राजर्षि महंत एकनाथ महाराज ने अनिरुद्ध आचार्य द्वारा दिए गए “गीता बड़ी या संविधान बड़ा” वाले बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की बयानबाज़ी देश को जातिवाद, छुआछूत और ब्राह्मणवाद की ओर धकेलने का षड्यंत्र है।

एकनाथ महाराज ने स्पष्ट कहा— “अगर हिंदू कहे गीता संविधान से बड़ी है, मुस्लिम कहे कुरान संविधान से बड़ा है, और ईसाई कहे बाइबिल संविधान से बड़ा है, तो देश धर्म और मजहब से नहीं, बल्कि अराजकता से चलेगा। देश चलाने के लिए संविधान ही सर्वोच्च है, और यही सभी को समान अधिकार देता है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि अनिरुद्ध आचार्य और ऐसे ‘बाबा’ समाज को गुमराह कर रहे हैं और देश में मनुस्मृति जैसी व्यवस्था लागू करने का सपना देख रहे हैं। “क्या ये लोग चाहते हैं कि फिर से छुआछूत, जातिवाद और वर्ण व्यवस्था लौट आए? क्या महिलाएं फिर से चारदीवारी में कैद हों?” – एकनाथ महाराज ने सवाल दागा।
उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा— “जो बाबा संविधान के खिलाफ बोलते हैं, वे न देश के प्रधानमंत्री को मानते हैं, न राष्ट्रपति, न मंत्री, न अधिकारी… क्योंकि ये सभी संविधान से ही बने हैं। ऐसे लोगों को एक विमान में बैठाकर समुद्र में उतार देना चाहिए, ताकि देश का माहौल बिगाड़ने वाले खत्म हों।”
राजर्षि महंत ने कहा कि आज भारत में लोकतंत्र, समानता और मानवता की रक्षा संविधान से होती है, और कोई भी धार्मिक ग्रंथ या परंपरा संविधान से ऊपर नहीं हो सकती। “इन बाबा लोगों का असली मकसद अपनी दुकान चलाना और समाज को भड़काना है, लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे।” अपने इस बयान पर अगर अनिरुद्धचार्य ने माफी नहीं मांगी तो ओजस्वी फाउंडेशन पूरे देश में आंदोलन छेडेगा देश को बटने नहीं देगा देश को एक रखेगा l




