श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में बंदरों व पक्षियों के लिए सुरक्षित स्थान :महामंत्री श्री चम्पत राय जी
दस एकड़ की पंचवटी में होगा इनका बसेरा पचास एकड़ मुक्ताकाश, इसमें भी आधे से अधिक हरियाली

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में बंदरों व पक्षियों के लिए सुरक्षित स्थान :महामंत्री श्री चम्पत राय जी
दस एकड़ की पंचवटी में होगा इनका बसेरा
पचास एकड़ मुक्ताकाश, इसमें भी आधे से अधिक हरियाली
अयोध्या धाम
श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण समिति की दूसरे दिन की बैठक के बाद तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय ने बैठक में हुए विमर्श के बारे में विस्तार से जानकारी दी। परिसर में बंदरों और पक्षियों को भी पर्याप्त और सुरक्षित स्थान दिया जाएगा। वह भी एक बड़े जलाशय के साथ।यही नहीं कुल सत्तर एकड़ में से पचास एकड़ क्षेत्र मुक्ताकाश (ओपन टू स्काई) होगा। यहां सड़कें, पुष्करणी/जलाशय हो सकते हैं। किन्तु तीस एकड़ क्षेत्र हरियाली और मिट्टी का होगा।

अपने शिविर कार्यालय कारसेवक पुरम में पत्रकारों से बातचीत में ट्रस्ट महामंत्री ने अक्टूबर तक तीनों लिफ्ट दो उत्तर,एक पश्चिम) और शेषावतार समेत परकोटे के मन्दिरों में दर्शन प्रारम्भ हो जाने की बात कही।साथ ही यह भी बताया कि परकोटे के दक्षिणी पूर्वी कोने पर बाहर एक बड़ा जूताघर तैयार हो गया है। एक लाख श्रद्धालु दिन भर में इसका उपयोग कर सकेंगे। दस एकड़ में पंचवटी विकसित की जाएगी, जलाशय के साथ यही पक्षियों और बंदरों के लिए होगी
कल तीसरे दिन की बैठक संग्रहालय में होगी। इसको विशेषज्ञों को साथ लेकर तैयार किया जा रहा है। आईआईटी मद्रास अत्याधुनिक गैलरी (वीथिका) विकसित करेगी और दिल्ली की एक विशेषज्ञ संस्था संग्रहालय का तकनीकी भाग विकसित करेगी। महामंत्री ने बताया की निर्माण समिति की बैठक सात से नौ सितंबर प्रस्तावित है ट्रस्ट की बैठक भी नौ सितंबर को होगी।
उन्होंने कहा कि नवंबर में ध्वजारोहण प्राण प्रतिष्ठा की पुनरावृत्ति नहीं है । इस बार अयोध्या और आसपास के जनपदों को प्राथमिकता पर रखा गया है।




