अयोध्या विकास प्राधिकरण के ईमानदार वीसी पर बाबू और लेखपाल पड़े भारी अयोध्या
प्राधिकरण का ताकतवर लेखपाल प्राधिकरण का बना ‘भस्मासुर’

अयोध्या विकास प्राधिकरण के ईमानदार वीसी पर बाबू और लेखपाल पड़े भारी
अयोध्या
ताकतवर लेखपाल प्राधिकरण का बना ‘भस्मासुर’
विकास प्राधिकरण में तैनात यह लेखपाल अजय वर्षों से ‘अनकंट्रोलेबल’ माना जाता है।
इसकी पकड़ इतनी मजबूत है कि एक सप्ताह का साधारण स्पष्टीकरण तक वीसी नहीं ले पाए।
जमीन, मानचित्र और निर्माण संबंधी फाइलें बिना इसके ‘रजामंदी’ के आगे नहीं बढ़तीं।सूत्र बताते हैं कि बड़े बिल्डर और होटल कारोबारी सीधे इस लेखपाल से डील कर लेते हैं।
प्रभारी मानचित्र / अधिशासी अभियंता फाइल दबाने का उस्ताद
21 अगस्त 2025 का प्रार्थना पत्र, जिस पर खुद वीसी ने जांच का आदेश दिया, इसकी मेज पर जाकर गुम हो गया। बार-बार यह आरोप लगता है कि जब भी हाई-प्रोफाइल प्रोजेक्ट या होटल की फाइल आती है, यह अधिकारी दबाव में काम करता है। ईमानदार वीसी की तेज रफ्तार कार्यप्रणाली पर यही सबसे बड़ा ब्रेक लगाता है।
सचिव विकास प्राधिकरण “कार्यवाही करेंगे… लेकिन तारीख नहीं बताएंगे
सचिव का बयान खुद भ्रष्टाचार की परत खोल देता है। उनकी भूमिका हमेशा ‘कानूनन ठीक’ दिखाने की रही है, जबकि फाइलें गुम होती रहीं। सचिव का कहना कि “मेरे द्वारा पत्र नहीं रोका गया” महज़ लीपा-पोती जैसा लगता है।
ओएसडी (विशेष कार्याधिकारी) फाइल गायब होने की ‘डिफेंस लाइन’
ओएसडी की स्थिति हर बार एक ही मुझ तक पत्र आया ही नहीं।यह बयान बार-बार भ्रष्टाचारियों को बचाने का औजार बन चुका है।
जानकार बताते हैं कि असल में यह पोस्ट ‘ढाल’ की तरह काम करती है जहाँ जिम्मेदारी आते-आते खत्म हो जाती है।
*नियोजन लिपिक अनजान” का मास्टर*
इस लिपिक की ड्यूटी है हर प्रार्थना पत्र और आदेश को सही पते तक पहुंचाना। लेकिन जब भी कोई विवादित प्रकरण आता है, यही अधिकारी “अनजान” बन जाता है।
यह अनजानपन दरअसल ‘सिस्टमेटिक करप्शन’ का हिस्सा है।
स्वराज की पड़ताल कहती है
यह पूरा नेटवर्क एक सिंडिकेट की तरह काम कर रहा है। लेखपाल से लेकर अभियंता और सचिव तक हर कड़ी एक-दूसरे को बचाती है।
*ईमानदार वीसी की ‘कलम’ यहाँ बेबस दिख रही है* क्योंकि सत्ता-प्रशासन का दबाव भी इस खेल को हवा दे रहा है। सवाल यही कि क्या यह अयोध्या का अगला बड़ा घोटाला बनकर सामने नहीं आएगा?
इनपुट बताते हैं कि इस मामले में साक्ष्यों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की तैयारी है, जहाँ पूरा सिंडिकेट बेनकाब होगा।




