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अयोध्याधाम में मेला प्रशासन तरस रहा है मेला नियन्त्रण कक्ष के लिए : एसएन बागी जी

अयोध्याधाम में मेला प्रशासन तरस रहा है मेला नियन्त्रण कक्ष के लिए : एसएन बागी जी
अयोध्या धाम/एसएनबागी
जहां एक तरफ अयोध्या को विश्वपटल पर चमकाने व विश्व रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए पर्यटन नगरी के रूप में विकसित कर दुनिया के लोगों में अयोध्या के प्रति आकर्षण पैदा करने हेतु करोड़ों,अरबों रुपयों की नित्य नई-नई योजनाएं उत्तर प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार द्वारा घोषित की जा रही हैं वहीं दूसरी तरफ यहां का मेला प्रशासन व पुलिस प्रशासन अपने प्रशासनिक मेला नियंत्रण कक्ष व पुलिस मेला नियंत्रण कक्ष के लिए तरस रहा है। अयोध्या में साल भर निरंतर चलने वाले मेलों की व्यवस्थाओं व यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक स्थान से पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी रखने के लिए मेला प्रशासन व पुलिस प्रशासन एक सुव्यवस्थित मेला नियंत्रण कक्ष व वाहन पार्किंग का अभाव झेल रहा है। मेला नियंत्रण कक्ष के अभाव में मेला प्रशासन यहां के नागरिकों,पत्रकारों,संत- महंतों के साथ परंपरानुसार 50 साल से चली जा रही प्रथा को पिछले 10 वर्षों से खत्म कर चुका है। अब यहां मेला व्यवस्था के संबंध में सुझाव और शिकायत लेने के लिए यहां के सम्भ्रान्त नागरिकों, पत्रकारों के साथ मेला विभाग के जुड़े अधिकारियों सहित जिलाधिकारी की अध्यक्षता में होने वाली बैठकें बंद हो चुकीं हैं क्योंकि इन बैठकों में कम से कम 200 लोग शामिल होते थे और मेला प्रशासन को मेला क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराते हुए मेला व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझाव भी देते थे। सन् 1984 से लगभग सन् 2010 तक इस तरह की संयुक्त बैठकें प्रत्येक मेले के पूर्व जिलाधिकारी की अध्यक्षता में शहर के रायगंज चौराहे पर स्थित राजकीय तुलसी स्मारक भवन के सभागार में हुआ करती थीं, उस भवन का आधुनिकीकरण कराये जाने के कारण यह बैठकें नयाघाट स्थित बस स्टेशन के विशाल प्रांगण में होने लगीं कुछ समय बाद वहां से बस स्टेशन खत्म होने के बाद रामकथा संग्रहालय में कुछ वर्षों तक बैठकें हुईं। कोरोना बीमारी के दौरान प्रशासन ने बीमारी का बहाना बताकर बैठकें करना बंद कर दिया और अब मेला प्रशासन मेले के पहले मात्र अधिकारियों के साथ कलेक्ट्रेट स्थित जिलाधिकारी के सभागार में बैठक कर लेता है जिसमें नागरिकों, पत्रकारों को नहीं बुलाया जाता है जिसके कारण मेला प्रशासन को अच्छे सुझाव नहीं मिल पातें हैं और मेला क्षेत्र की समस्याओं की जानकारी नहीं हो पाती है। फिलहाल अधिकारी मेला अपने अनुभव के आधार पर बिना नागरिकों के सुझाव प्राप्त किये ही मेला संपन्न कर लेते हैं मेला क्षेत्र में एक प्रशासनिक मेला नियंत्रण का बनाया जाना आवश्यक है जिसमें समय-समय पर जिलाधिकारी व मंडलायुक्त अयोध्या में होने वाले मेलों के संबंध में नागरिकों व पत्रकारों के साथ बैठकें करके उनसे अच्छे सुझाव लेने और बेहतर व्यवस्थाएं कर सकें। अभी तो प्रशासन के सामने समस्या यह है कि वह संयुक्त बैठकें कहां करें? अपने वाहनों को कहां पर खड़े करें? इसलिए पिछले दो-तीन वर्षों से मेलों की निगरानी और मेलों के संबंध में की जाने वाली बैठकें फैजाबाद पुलिस लाइन व जिलाधिकारी के सभागार में ही कर लेते हैं जिनमें नागरिकों और पत्रकार बंधुओ की उपस्थित नहीं रहती है। पिछले दिनों अयोध्या विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने एक सुव्यवस्थित मेला नियंत्रण केन्द्र बनवाने की घोषणा अपने भाषण के दौरान की थी लेकिन वह केवल उनकी जुमलेबाजी निकलीं। आज तक उत्तर प्रदेश सरकार और यहां के नेताओं के एजेन्डे में मेला नियंत्रण कक्ष व पुलिस मेला नियंत्रण कक्ष बनाए जाने की कोई योजना नहीं शामिल हो सकी है।
अयोध्या नागरिक मंच आगामी 12 सितंबर को मुख्यमंत्री के नाम संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रतिनिधि रेजीडेंट मजिस्ट्रेट अयोध्या को सौंपेगा और यदि आवश्यकता पड़ी तो मुख्यमंत्री के आगमन पर उनको हाथों-हाथ एक ज्ञापन सौंपने का कार्य भी अयोध्या नागरिक मंच करेगा।




