अयोध्यासांस्कृतिक कार्यक्रम
भारतीय संस्कृति और विरासत को सहेजना प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य : प्रो० दानपति तिवारी

भारतीय संस्कृति और विरासत को सहेजना प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य : प्रो० दानपति तिवारी
अयोध्या
भारतीय संस्कृति और विरासत को सहेजना प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है क्योंकि इसी से ही हमारी पहचान है। यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि वर्तमान मोदी और योगी सरकार इस विरासत को जीवित रखने के लिए अथक प्रयास कर रही है। यह बातें आज साकेत महाविद्यालय, अयोध्या के प्राचार्य प्रो० दानपति तिवारी ने कबीर अकादमी, उ० प्र० संस्कृति विभाग और का० सु० साकेत महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित नौटंकी के प्रशिक्षण हेतु आयोजित दस दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में कहीं। इस कार्यशाला के आयोजन का एक प्रस्ताव सांस्कृतिक परिषद् के अध्यक्ष डॉ असीम त्रिपाठी की ओर से शासन को भेजा गया था जिसे शासन ने स्वीकार कर लिया और अनुदान देने की व्यवस्था की। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ० त्रिपाठी ने कहा की नौटंकी एक विलुप्त होती हुई लोक कला है यह हमारी प्राचीन परंपरा से भी जुड़ी है अतः इसको बचाने के लिए केवल एक ही उपाय है कि हम युवा पीढ़ी को इसके बारे में बताएं, उन्हें प्रशिक्षित करें और उन्हें लोगों के बीच में इसे प्रस्तुत करने को कहें ताकि लोग इससे परिचित हो सकें।

इस कार्यशाला के प्रशिक्षक श्री शिवपूजन शुक्ला हैं जो एक ख्यातलब्ध नौटंकी प्रशिक्षक हैं। उन्होंने छात्र छात्राओं के अभिनय कला की परीक्षा ली और कुल पन्द्रह छात्र छात्राओं का चयन किया। यह कार्यशाला 18 सितंबर से 28 सितंबर तक चलेगी तत्पश्चात इसका मंचन किया जाएगा। कार्यशाला में समिति की सचिव डॉ० सुरभि पाल, उप सचिव श्री सुमधुर, उपाध्यक्ष डॉ नीता पांडेय, विशेष आमंत्रित सदस्य प्रो० शिखा वर्मा और श्रीमती पूनम जोशी, सदस्य डॉ निधि मिश्रा, डा० ऋचा पाठक, डॉ० रीता दूबे, डॉ० बुशरा खातून, प्रो० आशुतोष त्रिपाठी, प्रो० अभिषेक दत्त त्रिपाठी, प्रो० अमूल्य कुमार सिंह, अवधेश अग्रहरि, छात्र प्रतिनिधि प्रांजल सिंह, सनी तिवारी, पार्थ शुक्ला आदि उपस्थित थे।




