अयोध्या धामधर्म

प्रकृति को जो नष्ट करेगा उसको ईश्वर भी नष्ट कर देंगे देवभूमि हिमालय इसका प्रमाण है:  डॉ मुरलीधर सिंह शास्त्री “अधिवक्ता   उच्च न्यायालय”

प्रकृति को जो नष्ट करेगा उसको ईश्वर भी नष्ट कर देंगे देवभूमि हिमालय इसका प्रमाण है:  डॉ मुरलीधर सिंह शास्त्री “अधिवक्ता
 उच्च न्यायालय”
अयोध्या धाम
 पूज्य नीम करोली बाबा जी के   साकेत गमन तिथि  (10/11 सितंबर 1973)
परपूज्य बाबा ने 1971 में कहा था ईश्वर एवं प्रकृति एक है | प्रकृति को जो नष्ट करेगा उसको ईश्वर भी नष्ट कर देंगे आजकल देवभूम हिमालय में यही हो रहा है |
भविष्यवाणी आज सत्य हो रही है
मानव सृजन हार नहीं ईश्वर का सेवक मानना चाहिए  मनाना चाहिए |
डॉक्टर मुरलीधर सिंह शास्त्री अधिवक्ता
मा उच्च न्यायालय इलाहाबाद एवं लखनऊ
 तथा उत्तर प्रदेश सेवा अधिकरण
  9 सितंबर 2025 उत्तर भारत के प्रसिद्ध संत बाबा नीम करोली महाराज जी की पुण्यतिथि 10सितंबर को पड़ रही है |
पितृ पक्ष में पुण्यतिथि पढ़ने से विशेष महत्व बढ़ जाता है , बाबा का जन्म जनपद फिरोजाबाद के सदर तहसील के अकबरपुर गांव में 1900 में चैत मास के  शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि हनुमान जयंती के दिन हुआ था |
 नीम करोली बाबा नाम श्री लक्ष्मी नारायण शर्मा था | इनके दो पुत्र एक पुत्री गिरिजा देवी है,जो वर्तमान में पूरे परिवार के साथ आगरा में निवास करती हैं |
 उनका मानना है कि बाबा जी मेरे मेरे केवल पिता नहीं थे जगत पिता थे नीम करोली बाबा नैनीताल जनपद में स्थित कैंची धाम पर ज्यादा रहे हैं|
इस धाम का बाबा ने 15 जून 1964 को निर्माण  कार्य  प्रारंभ कराया था तथा नीम करोली बाबा के पिछले जन्म में हनुमान जी के अनन्य भक्त फलाहारी बाबा थे  इस स्थान पर तपस्या किए थे अगले जन्म में जन्म में श्री लक्ष्मी नारायण शर्मा
(नीम करोली बाबा) के रूप में प्रसिद्ध हुए
नीम करोली बाबा के बारे में जितना भी कहा जाए वह बहुत कम है
 और साक्षात हनुमान जी के प्रतिरूप है उनका साकेत गमन  10 सितंबर 73की रात्रि को  को वृंदावन श्री रामकृष्ण मिशन अस्पताल में हुआ था
उनके उनके चार आश्रम हैं जहां पर भस्म अवशेष रखे गए हैं |
पहले आश्रम नीम करोली स्थान है दूसरा स्थान वृंदावन है ,
तीसरा स्थान कैंची धाम है
चौथा स्थान
लखनऊ का हनुमान सेतु मंदिर है उक्त सभी स्थान  अपने आप में अपने आप में जागृति एवं सिद्ध स्थान है तथा मैं बाबा का सेवक हूं तथा उनकी कृपा बनी रहे
 बाबा नीम करोली जी का  अयोध्या  आना जाना था बाबा के संपर्क में अयोध्या के महात्माओं में हनुमानगढ़ी के श्री हरिशंकर दास जी  श्रीराम आश्रम के श्री बालमुकुंद दास जी
श्री प्रभु दास जी एवं दिगंबर अखाड़ा के श्री श्री रामचंद्र परमहंस की प्रमुख थे
गोरखपुर के पीठाधीश्वर  योगी अवैद्यनाथ जो मूल रूप से पहाड़ के रहने वाले थे
 बाबा के स्थान पर  जाते थे तथा बाबा के स्थान के विकास में विकास में इनका भी सहयोग रहा
 हमारे नीम करोली बाबा उत्तर भारत के  आजकल के महत्वपूर्ण रूप से नीम करोली बाबा पूर्ण रूप से गृहस्थ थे तथा दिखावे  से दूर रहते थे
आजकल के बाबा आजकल के  बाबाओ के पास साधना नाम की कोई चीज नहीं
प्रबंधन के कार्य में लगे हुए हैं मीडिया प्रबंधन के कार्य में लग रहे हैं तथा आम जनमानस के भावनाओं के साथ खेल रहे हैं |
 हमारा आम जनता से भी अनुरोध है भगवान को पाने के लिए गुरु को पाने के लिए सबसे पहले आपको अमर देवता हनुमान  जी का सहारा लेना पड़ेगा
 हनुमान जी महाराज जो अपने आप में पूर्ण गुरु है और
  वास्तविक गुरु का दर्शन होगा हनुमान जी के बिना किसी को गुरु का साक्षात्कार नहीं होगा
आठ लोगों को अमर किया है हमारे परशुराम जी भी हैं परशुराम जी की भक्ति भी जल्दी जल्द फल देने वाली है
लिख के माध्यम से लोगों को करना नहीं चाहता मैं चाहता हूं कि यदि वैष्णो भक्त बनना चाहते हैं
गणेश भक्त बनना चाहते हैं
शंकर भक्त बनना चाहते हैं
मां दुर्गा भक्त बनना चाहते हैं
सबसे पहले गुरुदेव हनुमान जी के शरण में जाएं
हमारे नीम करोली बाबा के बाबा के माध्यम से उनके उनके समकालीन संतों की आराधना से मार्ग को प्राप्त कर सकते हैं |
हम आज इस अवसर पर हार्दिक परिवार सहित नमन करते हैं हम उनके बताए गए मार्ग पर चलने के लिए संकल्प लेकर बाबा के भक्तों को सनातन धर्म की रक्षा के लिए  संकल्पित होकर कार्य करते हैं
 जय हिंद जय भारत
 सनातन धर्म जय हमारा भारतीय संविधान
गुरु देवम शरणम गच्छामिमातृ पितृ देवो भव

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