राजा बृजेन्द्रप्रताप शाही राजपरिवार पूरे परिवार के साथ मिलेगा प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से: शरद पाठक बाबा वरिष्ठ भाजपा नेता

राजा बृजेन्द्रप्रताप शाही राजपरिवार पूरे परिवार के साथ मिलेगा प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से: शरद पाठक बाबा वरिष्ठ भाजपा नेता
अयोध्या/ अम्बिका नन्द त्रिपाठी
वाह रे भ्रष्टाचार अपनी ही जमीन पर कब्जा पाने के लिए राजा दियरा का परिवार दर- दर भटक रहा है सभी साक्ष्य व साबूत होने के बाद भी राजा दियरा बेबस व मजबूर हैं जालसाजों ने ऐसी जालसाजी रची और अनोखा खेल राजस्व विभाग से मिलकर किया कि अब यह मामला अदालत तक पहुंचा है। आपको बताते चलें अयोध्या में दियरा स्टेट के वर्तमान वैध उत्तराधिकारी राजा बृजेन्द्रप्रताप शाही ने पत्रकार साथियों को अवगत कराया कि हमारे डियरा स्टेट की रियासत 338 गाँव में फैली है जिसमें अयोध्या जनपद की भूमि जिसकी कीमत लगभग 2000 करोड रूपये से अधिक की है. राजा दियरा की जमीनों को फर्जी दस्तावेजों और राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से हड़पने का प्रयास किया जा रहा है इसी प्रकार देवकाली, नियावां, खोजनपुर, जनौरा, रानीपाली, अंकारीपुर टण्डौली माझा ,जमधरा ,मऊशिवाला ,फैजाबाद शहर, ककरही बाजार आदि में शिवेन्द्र प्रताप शाही ने कूट रचना कर दियरा स्टेट की जमीनों को लोगों के साथ मिलकर फर्जी नियुक्ति पत्र के जरिये राजस्व कर्मियों की मदद से अपंजीकृत एक फर्जी तथा कूट रचित नियुक्ति पत्र और फर्जी हस्ताक्षर का सहारा लेकर खुद को राजा जगदीश प्रताप शाही के भतीजे बनकर राजस्व अभिलेखों में अपना नाम दर्ज कर लिया था आखिर फर्जी हस्ताक्षर के आधार पर बिना किसी अन्य अभिलेखों की तहकीकात किये कैसे नकली वारिस का नाम अभिलेखों में नाम दर्ज हुआ यह रहस्य का विषय है।सच तो यह है कि राजा जगदीश प्रताप शाही के तीन पुत्र है। स्व० रामानुज प्रताप शाही, बृजेन्द्र प्रताप शाही, मारूतेन्द्र प्रताप शाही इसके अलावा राजा जगदीश प्रताप शाही के कोई पुत्र नहीं था जिसमें राजा रामानुज प्रताप शाही की मृत्यु हो चुकी है राजा बृजेन्द्र प्रताप शाही के अनुसार भाई मारुतेन्द्र प्रताप शाही वर्तमान में लखनऊ में निवास करते है इस समय उक्त राज परिवार का मैं ही मुखिया और सरवराहकार हूँ । शिवेन्द्र प्रताप शाही की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी प्रतिभा शाही पुत्र प्रणय शाही और प्रतीक शाही के द्वारा पुनः कूटरचना करके इन जमीनों की बरासत अपने-अपने नाम चढ़वाने का प्रयास कर रहे है और उनके द्वारा जमीनों को फर्जी तरीके से बेचा जा रहा है और एग्रीमेंट भी किया जा रहा है जो पूरी तरह गलत और फर्जी है उक्त फर्जी नियुक्ति पत्र पर की गई फर्जी हस्ताक्षर को हँडराइटिंग व सिग्नेचर विशेषज्ञ ने स्पष्ट प्रमाण दिया कि मेरे पूज्य पिता राजा जगदीश प्रताप शाही के हस्ताक्षर असली नहीं है और न ही कहीं पर रजिस्टर्ड है और न ही उस नियुक्ति पत्र पर किसी गवाह के हस्ताक्षर है जबकि किसी भी भूमि का मालिकाना हक सिर्फ वसीयत, वरासत, बैनामा और दानपत्र के द्वारा ही हस्तांतरित किया जा सकता है। इस फर्जीवाड़े के बाद हमारी कीमती भूमि को मनमाने ढंग से एग्रीमेंट किया जा रहा है और मनमाने ढंग से बेचा जा रहा है और शिवेन्द्र प्रताप शाही के पुत्रगण प्रतीक शाही, प्रणय शाही और पत्नी प्रतिभा शाही के द्वारा अवैध रूप से लाभ लिया जा रहा है।
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मांझा जमथरा में 1040 विश्वा भूमि (सर्किल दर रूपये 1.50 अरब)
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देवकाली में 136 विस्वा और 3.25 विस्वा बैनामा
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रानोपाली में 29 विस्वा
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अंकारीपुर में 27 विस्वा
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वर्तमान में राजा बृजेन्द्र प्रताप शाही के मुकदमे की पैरवी करने वाले वरिष्ठ भाजपा नेता व मित्र मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पाठक बाबा ने सनसनी खेज खुलासा करते हुए बताया कि प्रदेश एडीजी स्तर के एक वरिष्ठ अधिकारी नामला रबिंद्र की पत्नी नामाला इंद्राणी के नाम लगभग 350 करोड की जमीन औने-पौने दाम पर एग्रीमेंट और बैनामा की गई है। दियरा स्टेट की देवकाली आदि स्थानों पर अवैध निर्माण को अयोध्या विकास प्राधिकरण के द्वारा विना पर्याप्त जांच किये कई जमीनों पर नक्शा पास कर दिया गया। आज स्थिति यह है कि राजा बृजेन्द्र प्रताप शाही और उनका परिवार अपनी ही पैतृक संपत्ति हर कदम तक नहीं रख पा रहे हैं। बृजेन्द्र प्रताप शाही को बेदखल करने का प्रयास किया जा रहा है । मित्र मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शरद बाबा पाठक ने पूरे विश्वास के साथ यह कहा कि हमारे प्रदेश के जनप्रिय ईमानदार, और कठोर प्रशासनिक कार्यशैली वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से पूर्ण उम्मीद है कि इस घोटाले में शामिल हर एक जालसाज और भ्रष्टाचारियों को जेल भेजकर बुजुर्ग राजा बृजेन्द्र प्रताप शाही को न्याय दिलाएंगे। जिससे बृजेन्द्र प्रताप शाही की उक्त सभी गाँव की भूमि उन्हें मिल सके। मुख्यमंत्री जी की भ्रष्टाचार के प्रति जोरी टॉलरेस नीति बृजेन्द्र प्रताप शाही जैसे पीडितों की सबसे बड़ी आस है। पाठक ने वार्ता करते हुए कहा
कि आप सभी पत्रकार साथियों से आग्रह करता हूँ कि इस सच को जनता और अधिकारियों के सामने लायें क्योंकि दियरा स्टेट का एक गौरवशाली इतिहास रहा है जिसमें भगवान श्री राम की कुल देवी माः भगवती बड़ी देवकाली मंदिर ,मऊ शिवाला में शिव मंदिर सुलतानपुर स्थित धोपाप मंदिर जिसके बारे में पुराणों में वर्णित है कि रावण वध के बाद भगवान श्रीराम गुरु वशिष्ठ के निर्देशानुसार वहां पर ब्रह्महत्या से मुक्ति के लिये स्नान किया और स्नान के बाद वहा दीप प्रज्ज्वलित किया ।
इस लिये हमारे स्टेट का नाम दिसरा स्टेट पड़ा। दियरा स्टेट की धरोहर बच सके और मुझे न्याय मिल सके तथा मेरे परिवार सहयोगियों की सुरक्षा व्यवस्था हो सकें।




