अयोध्या धामक्राइम

घायल अधिवक्ता के परिवार ने पुलिस के शुरुआती शक और बयान को किया पूरी तरह से खारिज 

घायल अधिवक्ता के परिवार ने पुलिस के शुरुआती शक और बयान को किया पूरी तरह से खारिज
अयोध्या धाम
भाजपा नेता, पूर्व पार्षद व अधिवक्ता आलोक सिंह पर 2 अक्टूबर को हुए जानलेवा हमले के मामले में पुलिस के शुरुआती शक और बयान को घायल अधिवक्ता के परिवार ने पूरी तरह खारिज कर दिया है। परिवार ने पुलिस पर घटना की जांच को गलत दिशा में ले जाने और सच्चाई से ध्यान भटकाने का गंभीर आरोप लगाया है।दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान आलोक सिंह पर ताबड़तोड़ फायरिंग हुई थी। हमले के बाद पुलिस ने बयान जारी कर शक जाहिर किया था कि वारदात के पीछे प्रॉपर्टी विवाद हो सकता है और हमलावर मोहित पांडेय को आलोक सिंह का पार्टनर (साझेदार) बताया था। आलोक सिंह  के परिवार ने पुलिस के इस कथन को भ्रामक और सच्चाई से कोसों दूर  बताते हुए कहा है कि मोहित पांडेय न कभी आलोक सिंह का पार्टनर था और न है। परिवार का आरोप है कि पुलिस घटना को गलत दिशा में मोड़कर अपनी जिम्मेदारी से बचना चाह रही है। उन्होंने अयोध्या कोतवाल मनोज शर्मा की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि अगर समय रहते उनकी शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर कार्यवाही हुई होती तो आज यह हालात पैदा न होते।पीड़ित परिवार ने पुलिस को चुनौती देते हुए कहा है अगर पुलिस के पास आलोक और मोहित के बीच किसी तरह की साझेदारी का कोई साक्ष्य (सबूत) है तो वह उसे सार्वजनिक करे। नहीं तो अपराधियों को बचाने के लिए भ्रम फैलाकर हमारे भाई को बदनाम कर घटना को प्रभावित करने का कार्य बंद करे। परिवार ने पुलिस के इस भ्रामक बयान और जांच की दिशा पर गंभीर सवाल उठाए हैं और निष्पक्ष जांच की मांग करने की बात कही है।अब इस पूरे घटनाक्रम में बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या पुलिस जानबूझकर सच्चाई से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है
 क्या इस प्राणघातक हमले के पीछे कोई और बड़ी साजिश या शक्ति छिपाई जा रही है

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