अयोध्या धाम

मूत्तकी का भारत आगमन निश्चित रूप से भारत की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा सिद्ध होने वाला है : राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष पांडे

मूत्तकी का भारत आगमन निश्चित रूप से भारत की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा सिद्ध होने वाला है : राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष पांडे
अयोध्या धाम
मूत्तकी का भारत आगमन हिंदू हितों, राष्ट्रीय हितों और राष्ट्रीय सुरक्षा को ताक पर रखती हुई भारत सरकार मुक्ताकी का भारत आगमन आतंकवादियों को हौसले को बढ़ाने वाला सिद्ध होगा?
अयोध्या हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष पांडेय ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर अली मुक्तकी के भारत आगमन का विरोध करते हुए कहा है कि भारत की विदेश नीति रसातल में जा चुकी है, आतंकवादी संगठन तालिबान के विदेश मंत्री अमिर खान मुक्ताकी इन दोनों भारत की यात्रा पर हैं, भारत में आते ही सबसे पहले वह उस जगह जाएंगे जो भारत में आतंकवादियों के गढ़ के रूप में प्रसिद्ध है अर्थात दारुल उलूम, बड़े-बड़े आतंकियों द्वारा यहीं से पढ़कर पूरी दुनिया में आतंक फैलाने का कार्य किया गया है, श्री पांडेय ने यह भी कहा कि याद करें वर्ष 1999 का वह दिन जब  वह समय जब भारत का एक बोइंग विमान IC-814 अपहरण करके कंधार ले जाया गया था, उस समय अफगानिस्तान में तालिबान का शासन था और यही अमिर खान मुक्ताकी तालिबान सरकार में मंत्री हुआ करते थे तालिबान सरकार ने भारत सरकार से यशवंत राखी की भारत में बंद आतंकियों को तत्काल प्रभाव से छोड़ जाए तभी वह भारतीय विमान और उसके बंधकों को छोड़ेंगे इन आतंकियों में जैस ए मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर भी शामिल था जो संसद हमले का दोषी और पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड था, जिस तरह तालिबान के तथाकथित विदेश मंत्री के स्वागत में भारत सरकार ने पलक पांवड़े बिछाए हैं, यह उसकी एक कमजोर विदेश नीति का उत्कृष्ट नमूना है, मूत्ताकी का भारत आगमन निश्चित रूप से भारत की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा सिद्ध होने वाला है, क्योंकि जिस तरह मुत्ताकी द्वारा दारुल उलूम देवबंद दारुल उलूम की यात्रा प्रदान की गई , ऐसा प्रतीत होता है कि एक ओर तो आतंकी संगठन तालिबान को और दूसरी और आतंकवादियों के गढ़ देवबंद उलूम को  भारत सरकार द्वारा एक अघोषित रूप से मान्यता से प्रदान कर दी गई है, हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष पांडेय ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि क्या अपनी राजनीतिक स्वार्थपरता के कारण भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है? निश्चित रूप से भारत में रह रही सेकुलरवादी विचारधारा के हिंदुओं के लिए यह प्रसन्नता का विषय होगा,किंतु उन हिंदुओं का क्या जो तालिबान जैसे संगठन को और दारुल उलूम जैसे आतंकवादियों के गढ़ की कृत्यों का न सिर्फ विरोध कर रहे हैं बल्कि एक लंबी लड़ाई भी लड़ रहे हैं, निश्चित रूप से भारत सरकार और तालिबान का यह गठजोड़ न सिर्फ भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बोल कि भविष्य में हिंदुओं के लिए भी एक बड़ा खतरा सिद्ध होने वाला है |

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