
टिकैत फार्मूले के आधार पर किसानों के फसलों का दाम घोषित हो : राष्ट्रीय महासचिव घनश्याम वर्मा
अयोध्या
टिकैत फार्मूला लागू करते हुए सभी फसलों का लाभकारी मूल्य दिया जाए टिकैत फार्मूले में 1967 को आधार वर्ष मानकर फसलों के दाम तय करने की मांग किया गया ।
उक्त उदगार किसानों के मसीहा भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक अध्यक्ष चौ० महेंद्र सिंह टिकैत जी की 90वी जयंती के अवसर पर आयोजित जन्म जयंती कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव घनश्याम वर्मा ने व्यक्त किया। घनश्याम वर्मा ने कहा कि 1967 में₹60 कुंतल धान, 76 रुपए कुंतल गेहूं और ₹15 कुंतल गन्ने का मूल्य था तथा प्राइमरी अध्यापक का वेतन मात्र ₹70 प्रतिमाह था जो सैकड़ो गुना बढ़कर लगभग एक लाख रुपये प्रतिमाह पहुंच गया है |

जिस अनुपात में कर्मचारियों के वेतन तथा पूंजी पतियों के वस्तुओं के दाम बढ़ाए गए उसी अनुपात में फसलों के दाम बढ़ाए जाएं। घनश्याम वर्मा ने कहा कि चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत जी ने भारतीय किसान यूनियन का जन्म देकर भारत के किसानों को निडर बनाते हुए आंदोलन करना सिखाया। जिसकी देन है कि भारत का किसान शासन प्रशासन के सामने डटकर अपनी समस्याओं के समाधान हेतु प्रस्तुत करता है। चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के प्रमुख विचार एकता और आंदोलन को अपनाने का संकल्प लिया गया। चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत का जन्मदिन *किसान जागृति दिवस* के रूप में मनाया गया।

पंचायत/ गोष्टी को जिला अध्यक्ष राम गणेश मौर्य, मध्यांचल सचिव सूर्यनाथ वर्मा, अभय राज ब्रह्मचारी फरीद अहमद ,शंकरपाल पांडे, भोला सिंह टाइगर, देवी प्रसाद वर्मा, सती प्रसाद वर्मा, राजकुमार यादव, रवि शंकर पांडे, जितेंद्र कुमार, संतोष वर्मा, गब्बर गोस्वामी, रामू चंद्र विश्वकर्मा, मंशाराम वर्मा, जगदीशयादव, नाथूराम यादव, विवेक पटेल, राजू निषाद, जवाहरलाल तिवारी,उर्मिला निषाद, शीला देवी, जमुना देवी, सीमा देवी, रेणु देवी, लालमति निषाद आदि ने विचार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में सर्वप्रथम चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के चित्र पर माल्यार्पण/ पुष्पांजलि अर्पित किया गया तत्पश्चात उनके जीवन पर चर्चा परिचर्चा हुई। मिष्ठान वितरण के साथ-साथ भंडारे का कार्यक्रम संपन्न किया गया।




