
श्रीदेवी दुर्गेश्वरी माता मन्दिर में सभी भक्तों की पूरी होती हैं मन की मुरादें
अयोध्या
श्रीदेवी दुर्गेश्वरी मंदिर रीडगंज कोतवाली नगर की स्थापना 1982 हुई थी यहां पर इस मंदिर की मान्यता इतनी है कि अयोध्या ही नहीं दूर-दूर से लोग इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं |
सर्वप्रथम इस स्थान पर दुर्गा पूजा की स्थापना की गई थी रीड गंज के लोगों ने दुर्गा पूजा की स्थापना की थी स्थापना के उपरांत 1981 में दुर्गा मां की मूर्ति लाई गई थी 1982 में मंदिर का निर्माण होने के उपरांत मां की मूर्ति की स्थापना इस मंदिर में किया गया मुख्य पुजारी श्री संजय कुमार सिंह ने बताया कि इस मंदिर में दूर-दूर से लोग दर्शन करने आते हैं मंदिर की यह मानता है कि जो भी सच्चे मन से मां से अपनी मुराद मांगता है वह अवश्य पूरी होती है मंदिर की देखरेख श्री संजय कुमार मुख्य पुजारी द्वारा किया जाता है श्री संजय कुमार मुख्य पुजारी ने यह भी बताया कि स्थानीय लोग इस मंदिर की देखरेख मैं अपना पूरा योगदान देते हैं मंदिर पर विशेष अवसर जैसे नवरात्रि, रामनवमी, बड़े पर्वों पर मंदिर को सजाया जाता है और मंदिर में भक्तों के आने की वह पूजा अर्चना करने के लिए मंदिर के दर्शन का समय भी बढ़ाया जाता है मंदिर में आरती का समय सुबह 5:30 बजे प्रातः,, रात्रि 8:30 बजे भोग प्रसाद के साथ की जाती है स्थानीय लोगों से बात किया गया तो लोगों ने बताया नवरात्रि के दौरान मंदिर में दूर-दूर से महिलाएं आती हैं और कीर्तन भजन भी किया जाता है, जैसे अयोध्या में बड़ी देवकली मंदिर, छोटी देवकाली मंदिर, पाटेश्वरी देवी मां का मंदिर, इस प्रकार से, श्रीदेवी दुर्गेश्वरी मंदिर, की भी बहुत मानता है, नवरात्रि के अवसर पर, अयोध्या के आसपास से भी लोग दर्शन करने आते हैं |

संतोष सेठा मनोज, रामु, जसवीर सिंह, चन्ने यादव व मंदिर कमेटी लोगो बताया कि मंदिर की स्थापना 1982 में की गई है उससे पहले दुर्गा मंदिर पर दुर्गा पूजा की स्थापना की जाती थी, मंदिर बनने के बाद मुख्य रूप से मंदिर के संरक्षक स्वर्गीय एचपी सिंह द्वारा मंदिर की व्यवस्था के लिए एक कमेटी गठित कर व्यवस्था सुचारू रूप से चले इसकी व्यवस्था की थी, मंदिर की पूजा, भोग प्रसाद, समय-समय पर किया जाता है इस मंदिर की मान्यता बहुत अधिक है सच्चे मन से मां के दरबार में जो भी आता है मां उसकी मनोकामना पूरी करती है मंदिर सिद्ध मंदिर है जिसमें दर्शन करने बहुत दूर-दूर से लोग आते हैं |




