
श्री नन्दी ग्राम महोत्सव एवं श्री रूद्र महायज्ञ राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का हुआ भव्य आयोजन
अयोध्या
श्री नन्दी ग्राम महोत्सव एवं श्री रूद्र महायज्ञ भरतकुंड में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में प्रतिभाओं का सम्मान किया गया । इस अवसर पर
राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का संयोजन अंतर्राष्ट्रीय कवि
डा. ताराचंद्र ‘तन्हा’ जी ने किया तथा कवि सम्मेलन की अध्यक्षता श्री आदित्यनाथ गौ सेवा समिति के संरक्षक श्रद्धेय श्री राजेश सिंह ‘मानव’ महन्त संतदास जी ने की और इस राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का संचालन आदरणीय श्री अशोक टाटम्बरी जी ने किया,इस अवसर परविश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के अयोध्या जिला मंत्री लाल जी शर्मा जी एवं बजरंग दल के अयोध्या जिला संयोजक सूर्यकांत पांडे जीके द्वारा मंच पर उपस्थित अध्यक्ष सहित सभी कवियों एवं संतों का पुष्पमाला पहनाकर स्वागत एवं अभिनंदन किया गया । तत्पश्चात कवि सम्मेलन का पण्डाल तालियों की गड़गड़ाहट व श्रोताओं के ठहाकों से गुंजायमान होता रहा।
मां सरस्वती की वाणी वंदना कु० दिव्यांशी मिश्रा ने अपनी इन पंक्तिओं के माध्यम से किया।
हे माता सरस्वती शारदा
विद्या दायिनी दु:ख हरणी
जगत जननी ज्वालामुखी
हे माता सरस्वती शारदा!!
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इसके बाद कवि नीति कुमार पाण्डेय ‘नित्य’ जी ने अपनी पंक्तियों से खूब तालियां बटोरी!
जहां चौदह बरस तक निहित तपस्या
भक्त भरत भगवान!
बच्चा-बच्चा इहां
हर बच्चा राम समान।।
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युवा अवधी हास्य कवि आनन्द शक्ति पाठक जी ने भी भरत जी की तपस्या से प्रेरित पंक्तियां पढ़ीं।
यदि भरत भाव उर में पलेगा नहीं।
तो मधुर कोई रिश्ता चलेगा नहीं।।
सारे जग में जलाके दिया ढूंढ लो।
कोई भाई भरत सा मिलेगा नहीं।।
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इसके बाद ओज के कवि डा. वेद प्रकाश द्विवेदी ‘प्रचण्ड’ की ओजस्वी वाणी से पूरा पण्डाल गुंजायमान हो गया।
गौरव गुंजित हो भारत मां
केवल यह आनन्द चाहिए।
शब्दों में हो राष्ट्र वंदना
ऐसा सुरभित छंद चाहिए।।
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अयोध्या के मशहूर गीतकार
श्री शैलेन्द्र पाण्डेय ‘मासूम’ जी के गीत पर खूब तालियां बजी,जिनके गीत आजकल राष्ट्रीय मंचों की शोभा बने हुए हैं।
नवकुसुम को सतत् राममय कीजिए।
राम के ध्यान में चित्तलय कीजिए।।
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इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय हास्य-व्यंग्यकार डा. ताराचंद्र ‘तन्हा’ जी के हास्य-व्यंग्य की एक- एक पंक्तियों पर तो तालियों की वो गूंज व ठहाकों की फुलझड़ियां छूटीं की पूछिए ही मत,पूरा पण्डाल तालियों की गड़गड़ाहट
से गुंजायमान होता रहा।
डा.’तन्हा’ जी ने पढ़ा कि-
ऐसा वैसा कवि नहीं मैं
सम्मान बहुत ही पाया हूं।
नेताओं का पैर दबाकर
साहित्य भूषण लाया हूं।।
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कार्यक्रम के अंत में संचालन कर रहे श्रद्धेय श्री अशोक टाटम्बरी जी ने तो ग़ज़ब कर दिया, अपनी सुप्रसिद्ध रचना बसंत नामा की कुछ महत्तवपूर्ण पंक्तियों से खूब तालियां बटोरीं।
भक्ति मिलै निष्काम तौ समझौ बसंत हैं।
मिल जाएं जो घनश्याम तौ समझौ बसंत है।।
हो पुण्य चाहे पाप मगर अंत मा मुंह से।
निकले जो राम- राम तौ समझौ बसंत है।।
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काफी देर तक चले राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में राजीव नादान व अकेला जी आदि कवियों ने भी काव्य पाठ किया तथा कवि सम्मेलन का पण्डाल कवियों की ओजस्वी वाणी , व भक्तिमय रसावादन के साथ ही साथ हास्य-व्यंग्य से श्रोतागण सराबोर होते रहे, कवि सम्मेलन का पूरा पण्डाल तालियों की गड़गड़ाहट व ठहाकों से गुंजायमान होता रहा, इसके बाद कार्यक्रम के अध्यक्ष आदरणीय श्री राजेश सिंह ‘मानव’ संतदास जी गौ सेवक को हास्य-व्यंग्यकार डा. ताराचंद्र ‘तन्हा’ जी ने अपनी हास्य-व्यंग्य की पुस्तक ‘लट्ठमेव जयते’ मंच पर समर्पित किया तत्पश्चात श्री मानव जी ने आये हुए सभी कवियों का आभार व्यक्त किया तत्पश्चात भरत कुण्ड महोत्सव के मुख्य संरक्षक परम पूज्य पीठाधीश्वर परमात्मा दास जी महाराज जी द्वारा सभी कवियों को राम नामी अंग वस्त्र व भरत जी का चित्र और मानदेय देकर सम्मानित किया गया! कार्यक्रम के प्रारम्भ में शास्त्रीय संगीत के संगीताचार्य श्री सत्य प्रकाश जी द्वारा अपने सुमधुर भजनों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। इस अवसर पर महोत्सव के अध्यक्ष रमाकांत पांडे जीने बताया कि दिव्य नंदीग्राम महोत्सव मे पंचकुंडीय विराट रुद्र महायज्ञ के पांचवें दिन यज्ञ मंडप की परिक्रमा को उमड़ी भीड़
– प्रकृति रक्षा के लिए 251 जड़ी बूटियों से निर्मित हवन सामग्री से दी जा रही आहुति
. आरती के दौरान जयकारे से गुंजायमान रहा यज्ञ स्थल
– प्रतिदिन चलने वाले विशाल भंडारा में श्रद्धालुओं ने किया प्रसाद ग्रहण
– नंदीग्राम, भरतकुंड, अयोध्या स्थित भरत हनुमान मिलन मंदिर परिसर में चल रहा है आयोजन
अयोध्या के नंदीग्राम भरतकुंड में शनिवार को पांचवें दिन पंचकुंडीय विराट रुद्र महायज्ञ में यज्ञ मंडप की परिक्रमा को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। प्रकृति रक्षा के लिए 251 जड़ी बूटियों से निर्मित हवन सामग्री से आहुति दी जा रही है। इस दौरान जयकारे से समूचा यज्ञ स्थल गुंजायमान रहा। प्रतिदिन चलने वाले विशाल भंडारा में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।

कार्यक्रम के यज्ञाध्यक्ष भिक्षुक भिखारी जंगली दास दीनबंधु रमाशंकर गिरी जी महाराज ने बताया कि मणिराम छावनी रामजन्म भूमि अयोध्या के महंत कमल नयन दास जी महाराज के आशीर्वाद से पंचकुंडीय विराट रूद्र महायज्ञ चल रहा है। आचार्यगण गोपालधर द्विवेदी, राजेश कुमार पाठक, हरिओम द्विवेदी, राजेश तिवारी, रेवती तिवारी, रामपूजन मिश्र , योगेश तिवारी, कौशल तिवारी व निर्भय शुक्ला द्वारा पंचकुंडीय विराट रूद्र महायज्ञ एवं पूजन कराया जा रहा है। प्रकृति रक्षा के लिए 251 जड़ी बूटियों से निर्मित हवन सामग्री से आहुति दी जा रही है। आरती के दौरान श्रद्धालुओं ने यज्ञ मंडप की परिक्रमा की। इस दौरान समूचा यज्ञ स्थल जयकारे से गुंजायमान हो गया। प्रतिदिन चलने वाले विशाल भंडारा में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
भिखारी बाबा ने बताया कि जड़ी बूटियों से निर्मित हवन सामग्री भिखारी भोले सेवा ट्रस्ट के संरक्षक एवं रसड़ा बलिया विधायक उमाशंकर सिंह ने मुहैया कराया है। इनके द्वारा वर्ष 2009 से हर यज्ञ कार्यक्रम में सहयोग किया जाता है। इसी प्रकार कई सहयोगी दान दाता हैं, जिनके सहयोग से कार्यक्रम सफल होता है। कार्यक्रम मे महंत परमात्मा दास जी महाराज, सम्पूर्णानंद जी, बजरंग दल अयोध्या के जिला संयोजक सूर्यकांत पांडेय, विश्व हिन्दू परिषद /बजरंगदल अयोध्या के जिला सहमंत्री प्रभाकर सिंह जी मुख्य यजमान चोपड़ा चेनराज, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष कमला शंकर पांडेय जी, पवन मिश्र,ओम नरायन पांडेय, कृष्ण कुमार सिंह जी , अक्षत मिश्र, रमाकांत पांडेय,विनोद जायसवाल, पवन कुमार तिवारी, पवन मिश्र, राघवेंद्र पांडेय, शुभराम महाराज, राजेंद्र महाराज, रामखेलावन, खुशहाल मिश्रा आदि जनपद के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।




